वास्तु शास्त्र क्या है?
वास्तु शास्त्र एक संस्कृत शब्द है जिस का शाब्दिक अर्थ है : ” वास्तुकला का विज्ञान “. वास्तु शास्त्र भारतीय सभ्यता की प्राचीन शिक्षाओं में से एक है. वास्तु शास्त्र हमें यह बताता है कि कैसे हम अपने घर की इमारत की योजना बनायें जिस से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा विवसथित हो। वास्तु की प्राथमिक शुरुआत मंदिरों के निर्माण से की गयी थी परन्तु बाद में इसे घरों, कार्यालय , भवनों, वाहनों, चित्रों, मूर्तिकला, और फर्नीचर के निर्माण में भी इस का प्रयोग किया जाने लगा. इस सिद्धांत का उपयोग प्राचीन काल से भारतीय निर्माण में किया जा रहा है और आधुनिक वास्तुकला में इसका उपयोग जारी है। घर केवल एक घर नहीं होता बल्कि वह मनुष्यों की पहचान का एक संकेत होता है. वास्तु शास्त्र विभिन्न ऊर्जाओं पर निर्भर करता है जो सूर्या, ब्रह्मांडीय ऊर्जा, प्रकाश ऊर्र्जा, पवन ऊर्जा जैसे वातावरण से उत्पन्न होते हैं. यदि इन सिद्धांतों के अनुसार एक घर बनाया जाता है तो उस घर में रहने वाले निवासियों के जीवन में सभी प्रकार की खुशियों का आगमन होता है.
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एक घर के निर्माण के लिए नीचे कुछ महत्वपूर्ण और प्रामाणिक सुझाव दिए गए हैं जो कि इस प्रकार हैं
1.यदि आप ने अपने घर के लिए भूखंड का चयन कर लिया है परन्तु घर निर्माण के काम में रुकावटें आ रही हैं तो जमीन के केंद्रीय हिस्से को साफ करें और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ढलान बनाएं
2.भूखंड में प्रवेश करने से पहले विशेष ध्यान रखें कि आप उसी स्थान से प्रवेश लें जहाँ आप घर का मुख्य प्रवेश द्वार बनाने वाले हैं.
3.अपने घर के लिए यदि आप समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो भूखंड की सभी चार दिशाएं ९० डिग्री की होनी चाहिए. यदि उत्तर पूर्व के अतिरिक्त कोई भी कोना, सामान्य कोनों से अधिक बड़ा है तो यह शुभ नहीं माना जाता है.
4.घर के निर्माण से पहले भूमि पूजन अवश्य कराएं
5.अपने घर की सीढ़ियां दक्षिण या पश्चिम हिस्से में स्थापित करें, वास्तु के अनुसार ऐसा करने से सीढ़ियों पर घटित दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है.
6.अपने घर का शौचालय और स्नान घर दक्षिण और पश्चिम भाग पर स्थित करें.
7.अपने घर के लिए बड़े आकार का भूखंड चुनें क्यूंकि यह अधिक धन लाते हैं.
8.त्रिकोण आकर वाले भूखंड अत्यधिक अशुभ होते हैं.
9.घर हमेशा चारों ओर से खुला होना चाहिए और प्रकाश से भरा होना चाहिए, घर का कोई भी कोना ऐसा न हो जहाँ प्रकाश ना पहुँच पाए इस से घर में निराशा और दुःख उत्पन्न होते हैं.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के रंग:
1.घर के रंगों का निर्णय घर और उसके मालिक की जन्म तिथि के आधार पर किया जाना चाहिए.
2.यदि आप का घर दक्षिण पूर्व की दिखा में स्थित है तो ऐसी में घर में नारंगी, गुलाबी और चांदी के रंग का उपयोग किया जाए, क्यूंकि यह सभी रंग ऊर्जा को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं.
3.यदि घर उत्तर-पश्चिम की ओर है तो आप के घर के लिए सफ़ेद, हल्का भूरा और क्रीम रंग सब से उचित रहेगा.
4.यदि आप का घर पानी की जगह से समीप है तो आपके लिए सब से अच्छा रंग नीला या सफ़ेद रहेगा.
5.घर दक्षिण पश्चिम की ओर है तो मिटटी का रंग या हल्का भूरा रंग अच्छा रहेगा.
6.घर के केंद्रीय हिस्से को सीढियों आदि से मुक्त रखना चाहिए.
7.दक्षिण पश्चिम का क्षेत्र आपके घर का मुख्या बिंदु होना चाहिए.
घर के प्रवेश के लिए वास्तु शास्त्र सुझाव:
1.अपने घर के दरवाज़ों की सम संख्या रखें.
घर की डिजाइन के लिए वास्तु शास्त्र सुझाव:
1.वास्तु के अनुसार आपके घर में जितनी खिड़क्यां हैं उन की संख्या ३, ६, या ११ नहीं होनी चाहिए.
2. पैसे और कीमती चीज़ों को अलमारी में उत्तरी तरफ रखें.
3.अपने घर की बालकनी को उत्तर या पूर्व में बनाएं.
4.यदि आपके घर का मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार छोटा है तो अपने मुख्या द्वार को इस तरह से सजाएँ की वह बड़ा दिखाई देने लगे.
5.अपने घर का निर्माण करते समय सुनिश्चित्त करें की घर का मुख्या द्वार सब से बड़ा हो. और मुख्य द्वार के निर्माण के लिए अच्छे से अच्छी लकड़ी का उपयोग किया गया हो.
6.घर के मुख्यद्वार पर चमकदार लाइट्स का प्रयोग किया गया हो.
7.इस बात का विशेष ख़याल रखें की मुख्या द्वार, बाहर निकलने वाले द्वारा से बड़ा हो.
रसोई घर के लिए वास्तु शास्त्र सुझाव:
रसोई घर भी वास्तु के अनुकूल ही बनाया जाना चाहिए क्यूंकि रसोई घर में बनाये गए भोजन आपको ऊर्जा प्रदान करते है. जिस से आप के शरीर में सकारात्मक भाव पैदा होता है यदि यही भोजन आप में नकारात्मक ऊर्जा प्रदान करें तब क्या होगा? वास्तु के अनुसार निम्लिखित बिंदुओं का पालन किया जाये तो आप का रसोई घर, किसी भी नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश से बचेगा.
१. अपने घर में रसोई घर पूजा घर के अंदर और ऊपर बनाने से बचें साथ ही अपने घर का रसोई घर शौचालय के ऊपर या अंदर बनाने से भी बचें.
२. रसोई घर में खाना बनाते समय पश्चिम की ओर रुखना करें , इस से आप को स्वास्थ की मुश्किलात का सामना करना पड़ सकता है.
३. यदि आप ने अपना रसोई घर दक्षिण-पश्चिम की दिशा में बनाया है तो इस से आप के परिवार के सदस्यों के बीच कलेश की सम्भावना हो सकती है.
४. अपने रसोई घर में काले रंग का प्रयोग करने से भी बचें वास्तु के अनुसार काला रंग रसोई घर के लिए बहुत अशुभ माना जाता है.
५. उत्तर-पूर्व दिशा में रेफ्रिजरेटर रखने से बचें।
६. रसोई घर की अलमारी को उत्तर और पूर्वी में रखने से बचें.
७. रसोई घर का गैस स्टोव रसोई घर की दीवार से कुछ inches दूर होना चाहिए परन्तु यह मुख्या द्वार के बिलकुल सामने स्थित न हो.
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